Wednesday, June 24, 2009
कबीरवाणी
आज कबीरा होता जग में
लिख देता वोह यह पैगाम ||
बस करत करत अभ्यास से
नहीं होत है काम ||
बदल गयी यह दुनिया सारी
बदल गयी हर एक तकदीर ||
बदल गया वोह चौकीदार भी
अब ज़मींदार ही फ़कीर ||
काल करे सो, कल करियो
आज करो आराम ||
पल में प्रलय अगर होना है
तो फिर क्या ही करना काम ||
आज की लड़की देख कर दिया कबीरा रोये
सर से लेके पाओं तक वस्त्र बचा न कोई ||
आज, चतुराई से बढे हे चिंता
दुःख से बढे शरीर ||
लोभ से लक्ष्मी बढे
झूठा था वोह कबीर ||
पैसा ऐसी डाकिनी काट कलेजा खाए
वैद्य भी क्यूँ तुझे ठीक करे, यही तो उसकी कमाई ||
कबीरा खडा बाज़ार में
मांगे खुद की खैर ||
आतंकियों का कब हमला हो
या किसी दंगे में हो ढेर ||
मंदिर न मरी , मस्जिद न मारा
बस मर मर गया कबीर ||
आज भी फेला धर्म युद्घ है
क्या कोई सुना तुझे था कबीर? ||
आज तू केह्दे, कुछ नयी कहानी
नए रूप में फिर कबीरवाणी ||
यहाँ तो राम - रहीम पे होते हैं झगडे
फिर क्या तू कबीर और क्या तेरी अमृत वाणी ||
An updated version will be uploaded pretty soon.
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it just keeps getting better and better... its like u teasing all of us...
ReplyDelete" did u like it... did u like it... yeahhhh... and u think this is my best one... wait for my next one and i'll prove everyone of u wrong... coz i enjoy it... m a sadist..." - modi
Ultimate man ...... loved it ..... very fresh ....
ReplyDeleteIt's awsum piece of creation .....good KABIRA ....It's not easy to find KABIRA in todays world .... but we have that one in Modified form...keep sending :)
ReplyDeletevaise mujhe bhi aapki kuch lines yaad aa gayi...
Kabira Khada Bazar Main ,
Sabki Mange Kher !!!
Na Kahu Se Dosti,
Na Kahu Se Ber !!!
i njoyed....
ReplyDeleteकाल करे सो, कल करियो
आज करो आराम ||
पल में प्रलय अगर होना है
तो फिर क्या ही करना काम ||.............the best modified one....
I liked the lines....
ReplyDeleteKabira khada bazar main ...
Mange khud ki kher....
Kab Atankiyo ka hamla hoo...
dara dara sa rehta hai...